कोविड-19 परीक्षण के लिए आईआईटी-दिल्ली ने पेश की किफायती किट ‘कोरोश्योर’                                                                 

      

कोविड-19 से लड़ने के लिए वैज्ञानिक इसके निदान के लिए सस्ते विकल्प खोजने में लगातार जुटे हुए हैं। इसी दिशा में कार्य करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के परीक्षण के लिए ‘कोरोश्योर’ नामक एक किफायती किट पेश की है। बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ऑनलाइन रूप से इस किट को लॉन्च किया है।

आईआईटी दिल्ली द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि यह आरटी-पीसीआर तकनीक पर आधारित परीक्षण किट है, जिसमें कम खर्च और कम समय में परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। ‘कोरोश्योर’ किट की कीमत मात्र 399 रुपये है। इस परीक्षण किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से नियामक मंजूरी मिल चुकी है। इस किट का निर्माण और मार्केटिंग दिल्ली-एनसीआर की कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेज द्वारा की जा रही है।

बताया जा रहा है कि यह परीक्षण किट जल्दी ही अधिकृत प्रयोगशालाओं में उपलब्ध होगी, जिससे कोविड-19 के आरटी-पीसीआर परीक्षण की लागत में महत्वपूर्ण रूप से कमी हो सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि आरएनए पृथक्करण लैब खर्च जोड़ने के बावजूद बाजार में मौजूद दूसरी डायग्नोस्टिक किट के मुकाबले यह किट काफी सस्ती होगी।


इस परीक्षण किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से नियामक मंजूरी मिल चुकी है। इस किट का निर्माण और मार्केटिंग दिल्ली-एनसीआर की कंपनी न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेज द्वारा की जा रही है।

इस किट की लॉन्चिंग के मौके पर डॉ निशंक अलावा मानव संसाधऩ राज्य मंत्री संजय धोतरे, उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। डॉ निशंक ने आईआईटी दिल्ली की सराहना करते हुए किट के विकास और निर्माण में शामिल शोधकर्ताओं को बधाई दी है।

न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेज के संस्थापक जतिन गोयल ने कहा कि “यह प्रोब-फ्री टेस्ट है, जिसमें सटीक परिणामों से समझौता किए बिना कम लागत में परीक्षण किया जा सकता है। हमें उम्मीद है कि अगले महीने तक 20 लाख किट का उत्पादन किया जा सकेगा।”

इस किट को आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर विवेकानंदन पेरुमल और उनकी टीम ने मिलकर विकसित किया है। शोधकर्ताओं में प्रोफेसर पेरुमल के अलावा प्रोफेसर बिस्वजीत कुंडू, प्रोफेसर जेम्स गोम्स, प्रोफेसर मनोज बी. मेनन, डॉ अखिलेश मिश्रा, डॉ पारुल गुप्ता, डॉ सोनम धमीजा, प्रशांत प्रधान, आशुतोष पांडेय और प्रवीण त्रिपाठी शामिल हैं।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रामगोपाल राव ने इस किट को विकसित करने में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमारे शोधकर्ता कोविड-19 से लड़ने के लिए शोध कार्य जारी रखेंगे।

शुरूआती दौर में कोविड-19 के परीक्षण के लिए करीब 5,000 रुपये तक वसूले जा रहे थे। कुछ समय पहले इसकी कीमत में कमी की गई थी। इसके बावजूद अभी भी व्यापक आबादी के लिए इसका खर्च वहन करना आसान नहीं है। आईआईटी दिल्ली द्वारा बनाई गई इस नई जाँच किट से कोविड-19 परीक्षण की कीमत उल्लेखनीय रूप से कम हो सकती है।
इंडिया साइंस वायर

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