भारत भी बनाएगा हाइब्रिड क्वांटम कम्प्यूटर                                                                 

      

भारत क्वांटम कम्प्यूटिंग की क्षमता वाले विकसित देशों के चुनिंदा वैश्विक क्लब का हिस्सा बनने की इच्छा रखता है। इस दिशा में एक नई पहल करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के पूर्ववर्ती छात्रों की परिषद ने रूस के प्रमुख प्रौद्योगिकी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के मालिकों और विश्वविद्यालयों के साथ साझा क्वांटम मिशन की घोषणा की है।

इस समझौते से दुनिया के तीव्रतम हाइब्रिड क्वांटम कम्प्यूटर के भारत में निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। आईआईटी पूर्ववर्ती छात्र परिषद के अनुसार यह समझौता, अत्याधुनिक तकनीक तक भारत की पहुंच सुनिश्चित करने के अतिरिक्त रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परियोजना के समझौता पत्र पर आईआईटी पूर्ववर्ती छात्र परिषद, रूस की लोमोसोव मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी और रूस्सॉफ्ट (Russoft) के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए हैं। रूस्सॉफ्ट रूस का उद्योग-व्यापार निकाय है, जो भारत में नैस्कॉम के समकक्ष है।

आईआईटी पूर्ववर्ती छात्र परिषद के अध्यक्ष डॉ रवि शर्मा बताते हैं "हमने भारत में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज हाइब्रिड क्वांटम कम्प्यूटर बनाने का मिशन शुरू किया है। रूस के साथ यह करार इस क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों की प्रमुख प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की ओर महत्वपूर्ण कदम है। हमें यकीन है कि क्वांटम कम्प्यूटर रूस और भारत के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।"


" हमने भारत में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज हाइब्रिड क्वांटम कम्प्यूटर बनाने का मिशन शुरू किया है। रूस के साथ यह करार इस क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों की प्रमुख प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की ओर महत्वपूर्ण कदम है।"

इस पहल के अंतर्गत रूस की सरकारी स्वामित्व वाली विश्व विख्यात कंपनियां क्रायोजेनिक्स से संबंधित जटिल मॉड्यूल, क्रिप्टोग्राफी और मॉड्यूलर क्लाउड प्रबंधन तकनीक भारत को हस्तांतरित करेंगी।

डॉ रवि शर्मा ने बताया कि "इस पहल का अगला चरण इन प्रौद्योगिकियों को उच्च थ्रूपुट, उच्च गति क्वांटम कम्प्यूटर के रूप में एकीकृत करना, डिस्ट्रिब्यूटेड कम्प्यूटिंग के लिए उसे स्मार्टफोन व लैपटॉप से जोड़ना है। इसका उपयोग स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन व लॉजिस्टिक्स, मौसम पूर्वानुमान और प्रदूषण जैसी प्रमुख समस्याओं से संबंधित बुनियादी ढांचे की चुनौतियों के समाधान को मजबूती प्रदान करने में हो सकता है।"

रूसी व्यापार आयुक्त अलेक्जेंडर रयबास ने कहा है कि “सबसे पहले मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हमारे देशों के बीच साझेदारी और परस्पर समझ का एक लंबा इतिहास रहा है। बदलते समय के साथ आज हम आईआईटी के पूर्व छात्रों के साथ संयुक्त रूप से नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए एक नये क्षेत्र के रूप में क्वांटम प्रौद्योगिकी को देख रहे हैं।”

क्वांटम कम्प्यूटर; आधुनिक सुपरकम्प्यूटर से हजारों गुना तेज काम कर सकते हैं। इससे कई प्रमुख क्षेत्रों में सूचनाओं का प्रसंस्करण अपेक्षाकृत कम कीमत पर द्रुत गति से किया जा सकेगा।


इंडिया साइंस वायर

ISW/USM/27-08-2020

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