सांस की परेशानियों से निजात दिला सकता है सीमैप का फॉर्मूला                                                                 

      

खनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल ऐंड एरोमेटिक प्लांट्स (सीमैप) ने सुगंधित तेलों पर आधारित एक खास फॉर्मूला ‘सीमरेस्पकूल’ (CIMRespCool) जारी किया है, जो वायरस तथा सांस जनित रोगों से आराम दिलाने में मददगार हो सकता है।

इस फॉर्मुलेशन को सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने इस शुक्रवार को जारी किया है। डॉ त्रिवेदी ने सीमरेस्पकूल को लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट को कोरोना वार्डों में मूल्यांकन के लिए सौंपा दिया है।


फॉर्मुलेशन को विकसित करने के लिए सुगंधित तेलों - मेंथा, रोज़मेरी, तुलसी आदि का उपयोग किया गया है। वैज्ञानिक परीक्षण में पाया गया कि उत्पाद सुरक्षित है और इसका उपयोग घर, ऑफिस, अस्पताल आदि में किसी भी तरह के डिफ्यूज़र में किया जा सकता है।

इस फॉर्मुलेशन से न केवल वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है, बल्कि यह सुगंध भी प्रदान करता है। फॉर्मुलेशन को विकसित करने के लिए सुगंधित तेलों - मेंथा, रोज़मेरी, तुलसी आदि का उपयोग किया गया है। वैज्ञानिक परीक्षण में पाया गया कि उत्पाद सुरक्षित है और इसका उपयोग घर, ऑफिस, अस्पताल आदि में किसी भी तरह के डिफ्यूज़र में किया जा सकता है।

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि “विभिन्न प्रकार की बीमारियों के प्रबंधन के लिए सुगंधित तेलों का उपयोग हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। इन सुगंधित तेलों को ह्यूमिडिफायर से वाष्पीकरण करके उपयोग किया जा सकता है। बाजार में उपलब्ध अधिकतर वेपराइज़र उत्पाद आमतौर पर सिंथेटिक रसायन से बने होते हैं और एलर्जी पैदा कर सकते है। सीमैप द्वारा बनाया गया यह फॉर्मुलेशन प्राकृतिक सुगंधित तेलों से तैयार किया गया है, जो वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है।”

सीमैप के मुख्य वैज्ञानिक डॉ अजीत शासने ने बताया कि “सीमरेस्पकूल फॉर्मुलेशन को पाँच सुगंधित तेलों से विकसित किया गया है जो न केवल रोगाणुओं के व्यापक स्पेक्ट्रम के प्रबंधन के लिए सहायक पाया गया है, बल्कि वायरस सहित पर्यावरणीय प्रदूषकों तथा साँस जनित रोगों में भी सहायक हो सकता है।
इंडिया साइंस वायर

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