कोविड-19 के खिलाफ तीन कार्यक्षेत्रों पर काम कर रहा है आईआईटीआर                                                                 

      

कोविड-19 के खिलाफ जारी संघर्ष में परीक्षण एक प्रमुख घटक है, जो इस महामारी के प्रसार की निगरानी और उसे प्रतिबंधित करने में सहायक हो सकता है। यही वजह है कि कोविड-19 का परीक्षण बढ़ाने पर लगातार जोर दिया जा रहा है। लखनऊ स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) अब कोरोना वायरस के खिलाफ वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा अपनाए गए पांच में से तीन कार्यक्षेत्रों पर काम कर रहा है, इनमें 2 मई से शुरू हो रही एक नई कोविड-19 परीक्षण सुविधा शामिल है।

आईआईटीआर वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) से संबद्ध एक प्रमुख प्रयोगशाला है। सीएसआईआर ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पांच-स्तरीय रणनीति तैयार की है। इनमें कोविड-19 के मामलों की निगरानी, रैपिड और सस्ते डायग्नोसिस, नई थैरेपियों एवं दवाओं का विकास, दवाओं का नये रूप में पुनः उपयोग, अस्पतालों के सहायक उपकरण और आपूर्ति एवं लॉजिस्टिक्स शामिल हैं। कोरोना से लड़ने के लिए सीएसआईआर द्वारा चलाए जा रहे मिशन में शामिल पांच कार्यक्षेत्रों में से आईआईटीआर जिन तीन कार्यक्षेत्रों पर काम कर रहा है उनमें रोकथाम, निदान और उपचार शामिल हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में सैनिटाइजर और निजी सुरक्षा उपकरण उपयोगी हो सकते हैं। इस बात को केंद्र में रखते हुए सीएसआईआर-आईआईटीआर अब तक लखनऊ, वाराणसी तथा रायबरेली में कोरोना के विरुद्ध अग्रिम पंक्ति में तैनात कार्यकर्ताओं को 2500 लीटर से अधिक हैंड सैनिटाइजर वितरित कर चुका है। इस पहल को विभिन्न कॉरपोरेट्स के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योगदान से पूरा किया गया है।


कोरोना से लड़ने के लिए सीएसआईआर द्वारा चलाए जा रहे मिशन में शामिल पांच कार्यक्षेत्रों में से आईआईटीआर जिन तीन कार्यक्षेत्रों पर काम कर रहा है उनमें रोकथाम, निदान और उपचार शामिल हैं।

आईआईटीआर के दूसरे कार्यक्षेत्र के तहत राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार कोविड-19 परीक्षण हेतु अत्याधुनिक सुविधा को स्थापित किया गया है। लगभग 24 कर्मियों की एक टीम इस अभियान में शामिल है। इन सभी को जैव-सुरक्षा एवं अन्य विषयों पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, सुरेश खन्ना के साथ हुई बैठक में प्रोफेसर आलोक धवन, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर ने परीक्षण की तैयारी से अवगत कराया। डॉ धवन ने कोविड-19 की परीक्षण क्षमता बढ़ाने का आश्वासन दिया है। प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने कहा है कि 2 मई से सीएसआईआर-आईआईटीआर को परीक्षण के लिए नमूने भेजे जाएंगे।

केजीएमयू के सुझाव के अनुसार सीएसआईआर-आईआईटीआर में प्रारंभ में प्रति दिन 50 नमूनों का परीक्षण किया जाएगा, जिसे कुछ समय बाद बढ़ाया जा सकता है। महानिदेशक, सीएसआईआर तथा आईसीएमआर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ को कोविड-19 के परीक्षण हेतु मंजूरी प्रदान कर दी है।
इंडिया साइंस वायर

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